आतंकवाद की समस्या पर निबंध -aatankwad par nibandh in hindi

 

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आतंकवाद की अवधारणा – Concept of terrorism

Terrorism आतंकवाद शायद व्याख्या की आवश्यकता ही नहीं है। दुनिया भर में आतंकवाद ने इतने निशान छोड़े और यदि अर्थ, समझ में आता है तो इसके इर्द गिर्द घूमते नजर आते हैं- बेरहमी, हैवानियत,अमानवीय व्यवहार से युक्त काले लिबास में कुछ मुट्ठी भर के लोगों के पास सिर्फ मकसद है, जायज़ कारण नहीं है। कला रंग किस ओर इशारा करता है यह तो पता नहीं परन्तु अंधकारमय जीवन की ओर अग्रसर मानवता को अवश्य इंगित करता है।

आतंकवाद संगठनों में कोई अपना साम्राज्य स्थापित करना चाहता है, तो कोई अपने धर्म को बढ़ाने के लिए, जिसे जेहाद का नाम दे कर एक समुदाय को अपनी ओर आकर्षित कर उन्हें अन्य से अलग करके समाज कि एकता को तोड़ना चाहते हैं। जेहाद को हथियार बनाकर कुछ महापुरषों ने अपनी सत्ता का जो ख्वाब देखा है, उसमे अब तक न जाने कितनो की बली चढ़ाई जा चुकी हैं, जिनमें बच्चे या बुढ़े, स्त्री हो या पुरुष, अस्थिक हो या नास्तिक, हिन्दू हो या मुस्लिम चाहे जो हो कोई भी अछूता नहीं है।

Essay on terrorism in hindi

अमेरिका 9/11 से मुम्बई 26/11 तक मानवीय संवेदनाओं की जो भारी कमी देखने को मिली है वो सीरिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान में अब भी निरंतर बढ़ती ही जा रही है। खुद को बादशाह दिखाने वालों को यह समझ नहीं आता कि वतन जनता ( आवास ) से बनता है। न कि अंबार से।

21 वीं सदी आधुनिकता का बोध कराती हैं, जिसमें स्कूली बच्चो पर अंधाधुन गोलियां बरसाकर बाजारों, माल्स, चौराहों पर धूल, धुएं और खून खराबा करके पूरे के पूरे शहर, देश के अमन और चैन में खौफ पैदा करके समय समय पर वैज्ञानिक आधुनिकता के नए रूप का आभास होता रहता है। हमारी सरकारें भी प्रशंसा के योग्य है, जो सब कुछ जानते हुए भी हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम, जैसे खतरनाक आतंकियों पर कार्यवाही करने के बजाय केवल कागजी खानापूर्ति है करती हैं। इन वांटेड लोगो का नेटवर्क इतना जटिल एवं देशवासियों का आपसी भरोसा इतना कमजोर है कि कोई भी सोशल साइट्स के जरिए किसी भी क्षेत्र में साम्प्रदायिक दंगे भडकाने का मद्दा रखता है। अतः आवश्यकता है कि वर्षों से चली आ रही है अपनी भाईचारे की परम्परा को ठेस न पहुचाएं एवं सभी धर्मो, जातियों का भी सम्मान करे। इससे न केवल अपराधिक गतिविधियां कम होगी बल्कि यह मृत्युलोक सभी के लिए आनंदमय लोक बन पाएगा। आतंकवाद से निपटने के लिए सभी को एक होना होगा तभी हम मानवता के सबसे बड़े दुश्मन आतंकवाद से लड़ सकते है।

 

भारत में आतंकवाद समस्या के कारण  Reasons for terrorism problem in India

(1) भारत में पंजाब जम्मू, कश्मीर एवं असम में आतंकी कार्यों के लिए पाकिस्तान सर्वप्रथम कारण है जो यह कार्य 1971 में  बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्त कराने के बदले के रूप में कर रहा है। इस तथ्य के कई सबूत भी मिल चुके हैं। पाकिस्तान इन क्षेत्रों में आतंकवादियो को उकसाने का कार्य ही नहीं करता बल्कि उन्हें शरण, ट्रेनिंग, हथियार और धन भी देता है।
(2) दूसरा कारण पाकिस्तान की सीमा पर तस्करी क्षेत्र का होना जो नशीली वस्तुओं को आने-जाने का प्रमुख केंद्र बन गया है। कई हजार करोड़ रुपए की नशीली चीजें प्रतिवर्ष अफगानिस्तान से पाकिस्तान के द्वारा भारत और यूरोप सहित अमेरिका में पहुंचाई जाती है। यूरोप के विभिन्न आतंकवादी समूहों की भांति पंजाब एवं जम्मू कश्मीर के आतंकी समूह भी इसमें संलिप्त रहते हैं। तस्करी से जुड़े यह अपराधी संगठन भी आतंकवादी कार्यों में भाग लेते
(3) तीसरा महत्वपूर्ण कारण अधिकारियों और देश के जिम्मेदार लोगों की आतंकवादियों की कार्यवाही के विरोध में जनता में जागरूकता लाने के प्रति उपेक्षा की भावना है। यदि जनता को आतंकवाद के विरोध हेतु तैयार किया गया होता तो स्थिति इतनी गंभीर ना होती जम्मू कश्मीर से हिंदुओं को खदेड़ देना देश के नेतृत्व के बारे में प्रश्न-चिन्ह उत्पन्न करता है।

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(4) भारतीय आतंकवाद के लिए चौथा उत्तरदायी कारण ऐसे राजनेताओं का स्वार्थ है, जो अपने व्यक्तिगत और दलगत स्वार्थों की पूर्ति के लिए आतंकवादियों का उपयोग हिंसा के लिए करते हैं। ऐसी स्थिति में कुछ लोगों द्वारा आतंकवादियों को किराए पर लाया जाता है। जिससे आतंकवादी परिस्थिति में वृद्धि होती है। इस प्रकार की सूचनाएं समाचार-पत्रों में भी छपती रहती है।
(5) पांचवा कारण है कि विश्व के कुछ देशों द्वारा भारत के आतंकवादियों को प्रशिक्षित करना उन्हें अपने यहां शरण देना और आवश्यकता पड़ने पर धन की सहायता देना। यह कार्य कुछ देशों की सरकारें अपने स्वार्थ के लिए करती है, तो पाकिस्तान और चीन शत्रुता की भावना से कार्य करते हैं।

आतंकवाद के दुष्परिणाम  Side effects of terrorism

  • आतंकवाद के कारण समस्त वातावरण भयग्रस्त हो गया है।
  • आतंकवाद से विकास की गति मंद पड़ जाती है।
  • कृषि एवं उघोग धंधे प्रभावित हो जाते है। श्रमिकों की अनुपस्थिति के कारण उत्पादन क्षमता कम हो जाती है।
  • हिंसक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है।
  • शिक्षा कार्य में बाधा पहुंचती है क्योंकि अभिभावक भय के कारण अपने बच्चे को स्कूल नहीं भेजते है।
  • निरापराधी व्यक्ति इन आतंकवादी गतिविधियों में हिंसा के शिकार हो जाते है।
  • राष्ट्रीय सम्पति की क्षति होती है। क्योंकि आतंकवादियों का मुख्य उद्देश्य तोड़-फोड द्वारा भय उत्पन्न करना है।

आतंकवाद की समस्या पर नियंत्रण  Control over the problem of terrorism

वर्तमान समय में आतंकवाद एक विश्वव्यापी समस्या बन गई है। अतः अधिकांश देशों की सरकारों ने विभिन्न प्रकार के उपाय से इसे नियंत्रित करने का प्रयास किया है। आतंकवाद की समस्या पर नियंत्रण पाने के लिए अनेक सुझाव दिए गए हैं। जो इस प्रकार है
  • यदि सभी राष्ट्र आतंकवादियों को अपने शत्रु विरोधी देशों के विरुद्ध प्रशिक्षण, शरण और प्रोस्ताहन देना बंद कर दे तो आतंकवाद में काफी कमी आ सकती है।
  • विश्वा स्तर पर एक आचार-संहिता बनाई जाय जिसका पालन सभी देश करें। इससे आतंकवादियों को पहचानने में सहायता हो जायेगी।
  • सभी देश एक दूसरे के यहां आतंकवाद को बढ़ावा न देने का संकल्प करें। आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों से सभी संबंध तोड़ दिए जाय तथा उनका बहिष्कार कर दिया जाय।
  • विश्व में रंगभेद और जाति भेदभाव को दूर करने का प्रयास किया जाय।
  • युवा वर्ग को शिक्षा और आसानी से रोजगार के पर्याप्त अवसर सुलभ कराये जाय।

निष्कर्ष – आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है इससे निपटने के लिए सभी राष्ट्र को एकजुट होना चाहिए यह नहीं देखना चाहिए कि यह हमारे देश की समश्या है या नहीं क्योंकि आतंकवाद धीरे-धीरे पुरे विश्व में फैसला जा रहा है। इसे रोकने के लिए सभी देशों को एकजुट होना चाहिए तभी आतंकवाद का खात्मा हो सकता है।

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