जादू पर नैतिक कहानी हिंदी में – Moral story on magic in hindi

 

नमस्ते दोस्तो स्वागत है हमारे ब्लॉग पर आज हम आपके लिए जादू पर एक नैतिक कहानी लेकर आए हैं। दोस्तो यह कहानी है, एक ऐसे पेड़ की जो हर जरूरत मंद व्यक्ति की मदद करता है। दोस्तो आशा करता हूं कि यह नैतिक कहानी आपको जरूर पसंद आयेगा।

भलाई में सुख –  Moral story on magic for children in hindi । jaadui pankha । jaadui kela

बहुत समय पहले की बात है। एक गांव में एक जादुई पेड़ था। जो भी व्यक्ति उस पेड़ को पानी डालकर अपनी इच्छा के अनुसार मांगता, वह उसकी इच्छा पूरी कर देता। एक व्यक्ति उस पेड़ के पास आया और उसे पानी डाला और बदले में धन मांगा। पेड़ ने उस व्यक्ति को ढेर सारा धन दिया। वह आदमी पेड़ को धन्यवाद करके चला गया।
इसी तरह कई लोग उस वृक्ष को पानी डालकर अपनी इच्छा अनुसार कुछ न कुछ मांगने लगे।पेड़ सभी लोगों की इच्छा पूरी करता रहा। जिससे गरीब लोगों को खूब फायदा होने लगा।
लेकिन कुछ सालों बाद पेड़ बूढ़ा हो गया और उसकी शक्तियां समाप्त हो गई। अब वह किसी की इच्छा पूरी करने के लायक नहीं रहा। एक दिन एक औरत उस पेड़ के पास आई और बोली, हे पेड़ मुझे खाने के लिए कुछ अनाज चाहिए। लेकिन पेड़ उस औरत की इच्छा पूरी नहीं कर सका। वह औरत वहां से नाराज हो कर चली गई।
यह देखकर पेड़ को बहुत दुख हुआ। खुद से बोलने लगा काश कुछ ऐसा हो जाए जिससे मेरा खोया हुआ शक्ति वापस मिल जाए और मैं लोगों की इच्छा पूरी कर सकूं। मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता कि लोग खाली हाथ लौटे।
हे भगवान मुझे सारी शक्तियां वापस लौटा दो आपकी बहुत कृपा होगी। ऐसा बोलते ही वह पेड़ बहुत भावुक हो गया। तभी वहां भगवान प्रकट हुए और बोले क्या हुआ पेड़ तुम दुखी क्यों हो। तब पेड़ बोला प्रभु अब मेरी सारी शक्तियां समाप्त हो गई है। मैं किसी की मदद नहीं कर सकता कृपया मेरी मदद करें।
इस पर भगवान भोले एक उपाय है, पर थोड़ा कठिन है। यहां से दूर बीच जंगल में एक जादुई कुआं है। अगर कोई उस कुएं से पानी लाकर तुम्हारे जड़ में डाले तो तुम्हारी शक्तियां वापस आ सकती है। लेकिन वह पानी कौन लाएगा। यह तुम्हें सोचना है, ऐसा कह कर भगवान गायब हो गए।
इस पर पेड़ नाराज होकर रोने लगा, कि वह चलकर कुएं के पास तो जा नहीं सकता। इसलिए वह रोने लगा। पेड़ की रोने की आवाज सुनकर वहां से गुजर रहा एक व्यक्ति उसके पास गया।
वह बोला क्या हुआ इच्छा पूरी करने वाले पेड़ तुम क्यों रो रहे हो। जब उसने सारी बात बताई। तो वह आदमी उस पेड़ की मदद करने की ठानी।
वह व्यक्ति बोला मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा, बोलो मुझे करता करना होगा। तब पेड़ बोला बीच जंगल में एक कुआं है, वहां से पानी लाकर मुझमें डालना है। फिर मेरी सारी शक्तियां वापस आ सकती है। ऐसा सुनकर वह आदमी जंगल से पानी लाने चला गया। चलते-चलते उसे जंगल में एक कुआं दिखाई दिया। वह तुरंत ही उस कुएं के पास गया और उसमें से पानी निकाला और एक बोतल में भर लिया। और खुशी-खुशी उस 
पेड़ के पास आया। पेड़ उस आदमी को देखकर बहुत खुश हुआ।
वह आदमी उस बोतल का पानी पेड़ के जड़ में डाला। और पानी डालते ही चमत्कार हो गया। पेड़ की सारी शक्तियां वापस आ गई।
फिर पेड़ ने अपनी खुशी से उस आदमी को सोने के सिक्के से भरी एक पोटली दी और धन्यवाद का कहा। फिर वह आदमी वहां से चला गया।
फिर दूसरे दिन वह औरत वहां फिर आई। वह बहुत भूखी थी, उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला था। पेड़ ने उसे पहचान लिया। और अपनी शक्ति से उस औरत को चमत्कार करके दिखाया और औरत को भरपेट खाना दिया।
और पेड़ को भी उसकी मदद करके अच्छा लगा। पेड़ बहुत खुश था क्योंकि वह फिर से सबकी मदद करने लगा।

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