छोटी सी कविता हिंदी में – chhoti si kavita

कविता ( poetry ) को सभी लोगो को पढ़ना चाहिए, क्योंकि इससे सामाजिक ज्ञान छिपा रहता है। कोई भी लेखक जब कविता लिखता है, जो कुछ समाज में चलता है। उसी को देखते हुए अपनी कविता लिखता है। इसलिए लोगो को सामाजिक ज्ञान बढाने के लिए अधिक से अधिक कविता को पढ़ना चाहिए। इसी को देखते हुए आज हम आपके लिए कुछ छोटी सी कविता कोश लेकर आए हैं। आशा करता हूं कि यह आपको जरूर पसंद आएगा।

 

छोटी कविता

 

लोग क्या कहेंगे – attitude poetry in hindi ।। Small love poetry in hindi

जो ये कहते थे कि रास्ते में बिखर जाऊंगा,
चल रहे थे मेरे साथ कहा है वो लोग।
चल रहे थे मेरे साथ कहा है वो लोग,
हौसला हार के बैठूंगा तो मर जाऊंगा।
मंजिले लाख कठिन आये गुजर जाऊंगा।

 

जीवन पर कविता – a poetry in hindi on life

मन ऐसा रखो की किसी को बुरा न लगे।
दिल ऐसा रखो कि किसी को दुखी न करें।
स्पर्श ऐसा रखो कि किसी को दर्द ना हो।
रिश्ता ऐसा रखो कि उसका अन्त ना हो।

 

प्रकृति से सीखो – chhoti si kavita in hindi ।। Small kavita

खिलों फूल से क्योंकि कभी वे
अपने लिए नही खिलते हैं
फलों वृक्ष से क्योंकि कभी वे
अपने लिए नही फलते है।
प्यासे जग की प्यास बुझाने
बादल जल भर भर लाते हैं।
सीखो उनसे वे कैसे
औरों के हित में मिट जाते हैं।
पर हित के लिए देह
धारण करते हैं सज्जन प्राणी।
वृक्ष स्वयं न कभी फल खाते
नदिया स्वयं न पीती पानी।
जंगल मंगल हित जीने वालों
का मस्तक ऊंचा रहता है।
दीपक की स्वर्णिम लौ का रुख
कभी नहीं नीचे झुकता है।

 

 

छोटी कविता – small poetry ।। Chhoti si kavita for class 1

 

सकारात्मक सोचिए
आपकी जिंदगी बदल जायेगी
जीवन अंधकार में है
 थोड़ी सी रोशनी मिल जाएगी।
उस रोशनी में
एक नई राह नजर आएगी
निराशा को भूलकर
आशा की जोत जलाइये,
नफरत, ईर्ष्या, अहंकार को भूलकर,
प्यार का सागर बहाइए
सकारात्मक सोचिए आपकी जिंदगी बदल जायेगी

 

 

नैतिक कविता – small poetry in hindi ।। Naitik poem in hindi

बोल सको तो मीठा बोलो
कटु बोलना मत सीखो।
बना सको तो राह बनाओ
पथ से भटकना मत सीखो।
कमा सको तो पुण्य कमाओ
पाप कमाना मत सीखो।
लगा सको तो बाग लगाओ
आग लगाना मत सीखो।
इस तरह न कमाओ की पाप हो जाए।
इस तरह न बोलो की क्लेश हो जाए।
इस तरह न खर्च करो की कर्ज हो जाए।
इस तरह न चलो की देर हो जाए।

 

चमत्कारी किताब – Bal kavita । Hindi poem for class 1

ज्ञान का भंडार हैं किताब।
शिक्षा का आधार है किताब।
भूले भटकों को राह दिखाती।
मनोरंजन का भंडार हैं किताब।
जिज्ञासुओं की प्यास बुझती।
ऐसी होती हैं मजेदार किताब।
पथभ्रष्ट को सबक सिखाती।
मिटाती सब अंधकार किताब।
आंख खुलती पाकर साथ इसका।
ऐसी उपकारी है किताब।

 

कोशिश – chhoti si poetry ।। chhoti si kavita

मंजिल न पा सके तो क्या
चार कदम चलना सीखो।
आकाश न छू सको तो क्या
पंक्षी की तरह उड़ना तो सीखो।
क्या तुम हो उस शिशु से बढ़कर
 पहुंचे मंजिल तक घुटनों के बल चलकर
क्या तुम हो उस पंक्षी से बढ़कर
बनता जिसका  नीड़ उजड़ उजड़ कर।
सफल न हो सको तो क्या
भाग लेना तो सीखो।
गा न सको तो कुछ बोलो तो सही।
तैर न सको तो पानी में भिगो तो सही।
मोती न पा सको तो क्या
सागर में गहरे उतरना तो सीखो।
मंजिल न पा सको तो क्या
चार कदम चलना तो सीखो।
दोस्तो यह नैतिक कविता आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों को शेयर जरूर करें धन्यवाद।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top