नई ऊर्जा पर कविता । Nai urja par kavita

 

 

 

हम जब भी अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते है तो हमारे सामने कई सारी समस्याएं पैदा होने लगती है। लेकिन तब भी पर हम अपने लक्ष्य की ओर निरन्तर बढ़ते जाते हैं। इसके बावजूद हमे लक्ष्य प्राप्ति में देरी होती है तो हमारे अन्दर आंतरिक ऊर्जा की कमी होने लगती है। ऐसे समय में हमे एक अतिरिक्त ऊर्जा की आवश्यकता होती है। तो यह हमे महान लोगो द्वारा बताए गए प्रेरणा दायक कविता से मिल सकती है। आज हम आपके लिए कुछ ऐसी नई ऊर्जा पर कविता लेकर आए हैं। उम्मीद करता हूं कि यह आपको जरूर पसंद आएगा।

 

 

कुछ कर दिखाना है – nai urja par kavita । Kavita for students

 

 

जिंदगी की राह में बढ़ते जाना है,

दुनिया को पाना है।

कुछ कर दिखाना है,

अपने अरमानों को पूरा कर जाना है।

दुनिया से लड़  के दिखाना है,

दुनिया मे अपनी जगह बनाना है।

 

कुछ कर दिखाना है,

आसमा को छूना है,

अपना सिर उठाना है।

 

अपना सिर उठाना है,

लोगो से नज़रे मिलना है,

तो कुछ तो कर दिखाना है।

 

 

एक लक्ष्य – nai urja par poem

 

 
रुकना नहीं चूकना नहीं,
बस आगे बढ़ते जाना है।
क्योंकि पतझड़ के बाद,
बसंत आना है।
 
यू ही सफलता नहीं मिलती,
संघर्ष रूपी अग्नि में जलना होता है।
तब जा के आकाश रूपी तारे की तरह,
तुम भी चमकोगे दूर से।
 
 
 
 

सिर्फ लक्ष्य की ओर – nai urja par kavita for students 

 

न हो साथ कोई अकेले बढ़ो तुम,
सफलता तुम्हारे कदम चूम लेगी।
 
अगर उग सको तो उगो सूर्य से तुम,
सफलता तुम्हारे कदम चूम लेगी।
 
बिना पंख लगे उड़े जो गगन में,
न संबंध उसके गगन से जुड़े हैं।
 
अगर उड़ सको तो पखेरू बनो तुम।
सफलता तुम्हारे कदम चूम लेगी।
 
 
 
 

संघर्ष – nai urja par kavita 

 
 
 

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