बच्चो में अच्छे संस्कार लाना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह वही समय होता है जैसा हम बच्चो संस्कार देंगे उनका आचरण वैसे ही होगा, जैसे एक कुम्हार कच्ची मिट्टी से चाहे तो वह एक दीपक भी बना सकता है या तो चाहे वह सिगार यह कुम्हार पर निर्भर करता है। ठीक उसी प्रकार बच्चे भी कच्चे मिट्टी के समान है, हम लोग जैसा उनको संस्कार देंगे उनका आचरण भी वैसा होगा।
कुदरत से सीखो – poem for class 2 in hindi
कुदरत से सीखो जीना
कैसे खाना कैसे पीना
छोटी सी चिड़िया को देखो
दिनभर मेहनत करती हैं
छोटे छोटे दानों से वह
अपनों का पेट भरती हैं।
कुदरत से सीखो जीना
कैसे खाना कैसे पीना
ऊंचे पेड़ों को देखो
छाया हमको देते है
तेज चटकते धूप को वह
अकेले ही सह लेते हैं
कुदरत से सीखो जीना
कैसे खाना कैसे पीना।
विद्या – shorts hindi poem for kids ।। Hindi poetry for children
बच्चो अब तुम विद्या पढ़ लो,
उन्नति की चोटी पर चढ़ लो,
विद्या पढ़कर सुख पाओगे,
नही पढ़ोगे दुख पाओगे।
विद्या कभी न चोर चुरावे।
भाई हिस्सा बांट न पावे,
राजा छीन न सके विद्या,
उत्तम धन कहलावे विद्या।
जिनकी पूंजी विद्या धन की,
राजा करता इज्जत उनकी,
जिनके पास विद्या नही है,
उसके सुख का आस नही है।
विद्या की महिमा है भरी,
यह संपत्ति है सभी की प्यारी,
बच्चो पढ़ने में मुंह खोलो,
विद्या माता की जाय बोलो।
दिया – short hindi poem for kids ।। Hindi Poetry for children
मैं मिट्टी का नन्हा दिया
छोटा सा हृदय है मेरा
भरकर स्नेह ह्रदय में कर देता हूं रोशनी
भाग जाता है अंधेरा
तुम तो मनुष्य हो
विशाल है ह्रदय तुम्हारा
अगर तुम भर लो नेह ह्रदय में
रोशन हो जाये जग सारा।
short motivational poem for kids
बोल सको तो मीठा बोलो
कटु बोलना मत सीखो
बना सको तो राह बनाओ
पथ से भटकना मत सीखो
कमा सको तो पुण्य कमाओ
पाप कमाना मत सीखो
लगा सको तो बाग लगाओ
आग लगाना मत सीखो।
दोस्तो यह सुंदर कविता आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक शेयर जरूर करे धन्यवाद।