छोटी कहानी इन हिंदी । small story of hindi

दोस्तो कहानी story पढ़ना सभी को अच्छा लगता है, एक तो इससे मनोरंजन मिलती है और साथ ही हमे नैतिक ज्ञान भी मिलता है, हर एक कहानी का अपना महत्व होता है। इसलिए हमे अधिक से अधिक कहानी पढ़ना चाहिए, खासतौर से बच्चो को अधिक से अधिक कहानी पढ़ना चाहिए क्योंकि बच्चो का बौद्धिक क्षमता का विकाश सही से नही हुआ होता है, क्योंकि हर एक कहानी में एक नैतिछोटी कहानी इन हिंदीक ज्ञान होता है अगर वह ज्यादा से ज्यादा कहानी पढ़ेंगे तो उनको अच्छे बुरे की समझ भी जल्दी से और अच्छे से होगी। इसलिए दोस्तो आज हम आपके लिए कुछ मजेदार कहानियां majedar kahaniya लेकर आए हैं, उम्मीद करता हूं कि यह आपको जरूर पसंद आयेगा।

Chhoti si kahani

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चतुर बीरबल । akbar birbal story in hindi

 

एक दिन बादशाह अकबर जंगल में शिकार खेलने जा रहे थे। रास्ते में उन्होंने एक जंगली औरत को लड़का पैदा होते देखा, वह औरत बच्चे को जन्मते ही उसे टोकरी में रखकर सर पर उठा लिया और खुशी-खुशी गांव की ओर चल दी। बादशाह ने उसकी ऐसी लापरवाही देखकर मन में सोचा। आखिर यह भी औरत ही है, फिर बेगम लड़का पैदा होते समय इतना नखरा क्यों दिखाती है।

बादशाह का मन बेगम की तरफ से फिर गया और उसी दिन से उसने बोलना चलना बंद कर दिया।

बेगम बादशाह के इस अकारण क्रोध से बहुत घबराई और लाचार होकर बीरबल की शरण में गई। बीरबल ने उन्हें आश्वासन देकर उनका दुख दूर करने का वचन दिया और बोला, माली को बाग, बगीचे सींचने के लिए मना कर दो।

बेगम ने वैसा ही किया। कुछ दिनों में पानी के अभाव में बाग के सारे पौधे मुरझा गए। यह देखकर बादशाह बहुत क्रोधित हुए और बेगमों से पूछा मनाही क्यों की गई और किसने की।

बेगम बोली, स्वामी हमारी आज्ञा से मालियों ने बाग सीचना बंद कर दिया है। हम लोगों ने विचार किया कि जब जंगल के पेड़-पौधे बिना सींचे ही हरे-भरे रहते हैं तो इन बाग के पेड़ों को सीखने की क्या आवश्यकता है?

बादशाह अकबर बेगमों की मंशा समझ गए और उनको अपनी गलती का एहसास भी हुआ। फिर उन्होंने बेगमों से माफी मांगी।

 

 

जीवन में संगति का असर प्रेरणा दायक हिंदी कहानी । best inspirational story

 

एक गुरु अपने शिष्यों को अच्छी संगती और बुरी संगती की महिमा बता रहे थे। वे बता रहे थे की अगर आप अच्छी संगति करेंगे तो आप में अच्छे  गुण आएंगे वही अगर आप बुरी संगती करेंगे तो आपमें बुरी आदत आ जायेगी और आप गलत राह पर चनले के लिये अग्रसर होंगे। यह बात शिष्यों को समझ में नहीं आयी। तब गुरु ने अपने गुरुकुल के बगीचे में लगे फूलो को देखा। तब गुरु एक शिष्य को उस पुष्प के समीप की मिट्टी को लाने का आदेश दिया। तब एक शिष्य ने वहाँ गया और वहाँ से मिटटी लाया। तभी गुरु जी ने उस शिष्य को उस मिट्टी को सुघने को कहाँ।  जब उस शिष्य ने  मिटटी को सुंघा तो उसमे पुष्प की महक आ रही थी। और यह बात उस शिष्य ने गुरु से कही की इसमें तो फूल की बड़ी अच्छी  सुगंध आ रही है।

 

तब गुरु जी ने उस मिट्टी से मनमोहक खुशबू आने का वजह पूछा इसके बाद सभी शिष्य ने स्वयं ही बताया की इस मिट्टी में खुशबू आने का कारण बताया कि उस स्थान पर पुष्प है। इसी से उस मिटटी में भी फूल की महक आ रही है। तब गुरु जी ने बताया की इसी प्रकार अगर आप अच्छी संगती करेंगे तो आप में अच्छे गुण आएंगे और अगर आप बुरे लोगो के साथ रहेंगे तो आप में बुरे दोष आ जायेंगे। गुरु की यह बात सुनकर सभी शिष्यो को समझ में आ जाती है। और सभी शिष्य ने वादा करते है की हमेसा अच्छे लोगो के साथ रहेंगे ।

 

 

 

जैसी करोगे वैसा ही भरोगे सर्वश्रेष्ठ प्रेरक कहानी हिंदी में । Best moral story in hindi

 

एक गाँव में दो दोस्त रहे थे। वे बले आलसी थे उन दोनों की शादी हो गई वे बड़े गरीब घर के थे। एक बार उनके गांव में अकाल पङ गया जिससे खेतो में फसल नहीं हुई जल भी धीरे-धीरे समाप्त हो रहा था। तब उन्होंने सोचा क्यों न शहर चलकर कुछ धन ही कमा लेते हैं। जिससे हम समृद्ध हो जाएंगे। अगले दिन वे दोनों दोस्त शहर जाते हैं, ओर फिर दिन-रात काम कर बहुत धन कमाते हैं।

 

उन्होंने सोचा कि हमारे पास इतना धन हो गया है।क्यों न अब हम अपने गाँव चले गए। फिर वह अगले दिन अपने गाँव की ओर चले गए। तभी जंगल से जाने वाले रास्ते पर उन्हें बहुत भूख लगी, उन्होंने सोचा क्यों न कुछ खा लिया जाए। उन्होंने दोनों के बारे में पहले सोचा था। अगर मैं इसे मार दूं तो सारा धन मेरा हो जाएगा। और दूसरे ने भी यही सोचा फिर पहले वाले ने खाने में जहर मिलाकर लाया और दूसरे ने तलवार उठा ली, जैसे ही वह खाना बनाती है, उसे उसे मारने की इच्छा होगी। वह खाना लेकर आती है तो दूसरे दोस्त की हत्या कर देती है। फिर वह सारा धन ले लेता है। फिर उसने सोचा भूख लगी है क्यों न कुछ खा लूँ। जैसे वह खाना खाता है, वह भी मर जाता है।

 

गीदड़ तो गीदड़ हैं उसे चाहे कितना भी अच्छा स्थान मिल जाए उसका स्वभाव गीदड़ ही रहेगा ।  Jungal story in hindi । animal story in hindi

 

एक जंगल में शेर का जोड़ा रहता था। शेरनी ने दो बच्चे पैदा किया और दोनों पति-पत्नी मिलकर उन बच्चों को पालने लगे।

एक दिन शाम को जैसे ही शेर शिकार से खाली लौट रहा था, उसे रास्ते में एक गीदड़ का बच्चा मिला जिसे मरने के बजाय पीठ पर बैठकर घर ले आया।

आते ही शेरनी ने ने पूछा, क्या आज मेरे लिए भोजन नहीं खाए?

नहीं प्रिये! आज तो मुझे यह गीदड़ का बच्चा मिला है। मैंने इसे जानबूझकर नहीं मारा। मेरा विचार है की तुम इसे अपने बच्चों के साथ ही पाल लो।

शेरनी ने अपने पति की बात मान ली और गीदड़ के बच्चों को भी अपने बच्चों के साथ दूध पिलाकर पालने लगी। इस प्रकार यह तीनों बच्चे एक साथ इकट्ठे रहने लगे। इनमें जाति भेद की कोई बात नहीं थी।

एक दिन उस जंगल में हाथी आ गया। उसे हाथी को देखकर शेर के दोनों बेटे उसे हाथी की ओर हमला करने के लिए बड़े तो झट से गीदड़ फूटने शेर के बच्चों से कहा-

अरे यह तुम्हारा शत्रु है इसके आगे मत जाओ, चलो घर भाग चले। उस गीदड़ बच्चे की बात सुनकर उन दोनों का दिल भी टूट गया और उसे भागत देखकर वह दोनों भी घर की ओर भाग चले। एक गीदड़ ने दो शेरों को भी गीदड़ बना दिया।

घर पर पहुंचते ही शेर के बच्चों ने गीदड़ के बच्चे से क्रोध से कहा कि भाई, तुम हाथी को देखकर क्यों भागे थे? तुमने तो आज हमारी जाति के माथे पर कलंक का टीका लगाया है। हम तुम्हें मार कर ही छोड़ेंगे। यह करते हुए जैसे ही शेर के बच्चे अपने भाई को मारने के लिए दौड़े तो उस बेचारे को तो पसीना आ गया, मौत को सामने देखकर कांपने लगा।

शेरनी ने देखा, यह तो आपस में ही लड़ने मरने को तैयार हो गए हैं, तो उसने बीच आकर कहा।

बेटा नहीं, इसे मारो मत। यह दोष तो इसका नहीं है, यह तो सारा दोष इसकी जाति का है। वास्तव में यह शेर पुत्र नहीं है, यह तो गीदड़ पुत्र है, जो बचपन में हमें जंगल में पड़ा मिला था। मैंने इसे पाल पोस है। मैं सोचती थी शायरी यह बड़ा होकर तुम्हारा साथी बन जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसलिए गीदड़ पुत्र तुम यहां से जल्दी भाग कर अपनी बिरादरी में शामिल हो जाओ, इसी में तुम बच सकते हो।

अपनी बिरादरी के साथ रहना ही ठीक है जो बिरादरी से अलग होकर दूसरों जैसा बनकर जीना चाहते हैं वह खाल ओढ़े ड़े गधे की तरह मारे जाते हैं।

 

दोस्तो यह प्रेरणा दायक कहानी आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक शेयर जरूर करें धन्यवा। 

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