Hindi poem on book : नमस्ते दोस्तो स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग पर दोस्तो अगर हम बात पुस्तक की बात करे तो, यह वह अनमोल रत्न है जिसे इसका और कोई बराबरी नहीं कर सकता। क्योंकि ले पुस्तक ही हमे सही ज्ञान और एक कामयाब इंसान बनाता है। इसलिए इसकी तुलना और कोई वस्तु से नही की जा सकती है। इसके बिना सारे संसार अधूरा है, क्योंकि इसी से हमे सारे जरूरी जानकारी सही और सटीक मिल पाती है। तो दोस्तो आज हम आपके लिए इसी से संबंधी कुछ कविता लेकर आए हैं उम्मीद करता हूं कि यह आपको जरूर पसंद आयेगा।
ज्ञानों का है अदभुत भंडार है,
पुस्तक में है असली ज्ञान,
आओ सुनाई इसकी महिमा
जिसे पढ़कर लोग बनते विद्वान
इससे कर लो तुम यारी
कभी न देगा तुम्हे दगाबाजी
पुस्तक पढ़कर लोग बनते हैं वैज्ञानिक,
पुस्तक की है महिमा न्यारी
इससे कर लो तुम यारी
बन जाओगे तुम बड़े विद्वानी।
Hindi poem on book ।। Pustak ki mahima par Kavita ।। Hindi poem on book for child
बच्चों अब तुम विद्या पढ़ लो,
उन्नति की चोटी पर चढ़ लो,
विद्या पढ़कर सुख पाओगे,
नहीं पढ़ोगे दुःख पाओगे।
विद्या कभी न चोर चुरावे।
भाई हिस्सा बांट न पावे,
राजा छीन सके न विद्या,
उत्तम धन कहलाये विद्या।
जिनकी पूंजी विद्या धन की,
राजा करता इज्जत उनकी,
जिनके पास विद्या नहीं है,
उसके सुख का आस नहीं है।
विद्या की महिमा है भारी,
यह सम्पत्ति है सभी की प्यारी,
बच्चों पढ़ने में मुंह खोलो,
विद्या माता की जय बोलो।
दोस्तो यह प्रेरणा दायक कविता आपको पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक लोगों तक शेयर जरूर करे धन्यवाद।