Story in hindi for class 4 । Moral Stories In Hindi For Class 4 । Moral stories in hindi
बंदर की अक्ल । Moral story in hindi for class 4 students
एक जंगल में किसी वृक्ष पर घोंसले बनाए गौरेया का जोड़ा रहता था। वर्षा के दिनों में एक बार जमकर पानी बरसने लगा। उसी समय एक बंदर वर्ष में भीगकर ठंड के मारे कामता हुआ उस वृक्ष के नीचे आया। उसकी यह हालत है देखकर गौरेया की पत्नी ने कहा।
अरे भाई तुम तो मनुष्य जैसे ही लगते हो। फिर इस ठंड में क्यों मर रहे हो, कहीं छप्पर छाया का प्रबंध करो। भगवान ने तुम्हें दो हाथ भी दिए हैं।
उसकी बात सुनकर बंदर को क्रोध आया। वह आंखें लाल करता हुआ बोल-
अरे तू मेरी हंसी उड़ा रही है। अपने घोंसले पर बड़ा घमंड है तुझे अभी बताता हूं। बंदर झट से उस पेड़ पर चढ गया और उसके पास जाते ही घोसला के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
इसलिए तो मैं कहता हूं भाई किसी को व्यर्थ में अक्ल मत सिखाओ सदा बुद्धिमान और भले व्यक्ति को ही अच्छी बात बताओ।
हरियर और परियार । mora story in hindi for kids
किसी जंगल में बरगद का एक घन पेड़ था। रंग बिरंगे पक्षी उसपर पर घोसला बनाकर रहते थे। इस पर दो कौवा भी रहते थे। एक का नाम हरिहर और दूसरे का नाम परियार था। दोनों सगे भाई थे। सारे दिन मौज मस्ती करते उन्हें, आज्ञा देने में बहुत अच्छी लगती थी।
एक दिन बहेलिया आया और बरगद के पेड़ पर अपना जाल बिछा दिया। भाई जाल में फंस गए तो बहेलिया दोनों को बाजार में लेकर पहुचा। बहेलिया ने दोनों कौवे की बोली लगाई। तभी वहां पर एक आदमी पहुंचा।
उसे कौवे पालने का बहुत शौक था। उसने एक कौवे को खरीद लिया। यह कौवे हरिहर था। तो बहेलिया ने कहा ऐ भाया ये कौवे भी ले लो ना। उस आदमी ने कहा नहीं। उस आदमी ने कहा नहीं।
बहेलिया भोले तुम दो रुपया में ही ले लो, क्योंकि दोनों भाई हैं। नहीं तो दोनों तड़प तड़प कर मर जाएंगे। उस आदमी को दया आ गई। उसने परियर को भी खरीद लिया। जब सुबह हुई तो दोनों पिंजरे को अपने पास रखा। हरिहर तो राम-राम का नाम जपता परंतु परियार गाली बकता। वह आदमी को गुस्सा आया और अंदर जाकर छड़ी लाई परियार को करने के लिए। तभी हरिजन ने कहा मत मारो, मत मारो यह मेरा भाई है। नहीं तो हम भी मर जाएंगे। मैं माफी मांगता हूं। तो वह आदमी परियार को नहीं मारा और परिहार बहुत शर्मिंदा हुआ। उसे एहसास हो गया की मीठी बोली बोलने से सब खुश रहते हैं।